लाइटें कैसे बनाई जाती हैं?How are lights made?

  

रंगी लाइट्स कैसे बनाई जाती हैं?

प्रकाश के विभिन्न रंगों को उत्पन्न करने की प्रक्रिया विज्ञान, प्रौद्योगिकी और रसायन विज्ञान का अनूठा मिश्रण है। चाहे यह LED हो, नियॉन लाइट्स, या लेज़र, हर प्रकार की रोशनी एक विशेष सिद्धांत पर आधारित होती है।



1. रोशनी के रंग बनने का विज्ञान

प्रकाश एक विद्युत-चुंबकीय तरंग है, और हर रंग की अलग-अलग तरंग दैर्ध्य (Wavelength) होती है।

  • नीला प्रकाशछोटी तरंग दैर्ध्य (~450 नैनोमीटर)
  • हरा प्रकाश मध्यम तरंग दैर्ध्य (~520 नैनोमीटर)
  • लाल प्रकाश लंबी तरंग दैर्ध्य (~650 नैनोमीटर)

जब किसी प्रकाश स्रोत से अलग-अलग तरंग दैर्ध्य उत्सर्जित होते हैं, तो हमें अलग-अलग रंग दिखाई देते हैं।



2. अलग-अलग रंगों की लाइट कैसे बनाई जाती है?

A. एलईडी (LED) लाइट्स

LED (Light Emitting Diodes) से विभिन्न रंगों की रोशनी बनाना संभव है:

  • LED एक सेमीकंडक्टर से बनी होती है, जो इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह से प्रकाश उत्पन्न करती है।
  • अलग-अलग अर्धचालक (semiconductor) पदार्थ अलग-अलग रंग के प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं।
    • गैलियम नाइट्राइड (GaN) → नीला प्रकाश
    • एल्युमिनियम गैलियम इंडियम फॉस्फाइड (AlGaInP) → लाल और पीला प्रकाश

RGB (Red, Green, Blue) LED को मिलाकर लगभग कोई भी रंग बनाया जा सकता है।



B. नियॉन और फ्लोरोसेंट लाइट्स

  • नियॉन ट्यूब में गैस भरी होती है, जो बिजली के संपर्क में आने पर चमकती है।
    • नियॉन गैस → लाल प्रकाश
    • आर्गन गैस + मरकरी → नीला प्रकाश
    • हीलियम → पीला प्रकाश
  • फ्लोरोसेंट लाइट्स में फॉस्फर कोटिंग होती है, जो पराबैंगनी (UV) प्रकाश को दृश्य प्रकाश में बदल देती है।


C. लेजर लाइट्स

  • लेज़र एक निश्चित तरंग दैर्ध्य की तीव्र रोशनी उत्पन्न करता है।
  • रेड, ग्रीन और ब्लू लेज़र को मिलाकर कई अलग-अलग रंगों का लेज़र शो बनाया जाता है।


3. डिजिटल स्क्रीन में रंग कैसे बनाए जाते हैं?

  • टीवी और मोबाइल स्क्रीन में पिक्सल (Pixels) होते हैं, जिनमें तीन सब-पिक्सल – रेड, ग्रीन, ब्लू (RGB) होते हैं।
  • इन तीन रंगों के मिश्रण से लाखों रंग बनाए जाते हैं।


4. प्राकृतिक स्रोतों से रंगीन रोशनी

  • सूर्यास्त का लाल रंगपृथ्वी के वायुमंडल में धूल कणों द्वारा प्रकाश के बिखरने से।
  • जुगनू की रोशनीजैविक रसायन ल्यूसिफेरेज़ (Luciferase) से।
  • ऑरोरा (Northern Lights) – सौर कणों के पृथ्वी के वायुमंडल से टकराने से।


निष्कर्ष

आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कारण हम किसी भी रंग की रोशनी बना सकते हैं, चाहे वह LED हो, नियॉन हो, या लेज़र। RGB सिद्धांत से डिजिटल स्क्रीन और लाइट शोज़ में हजारों रंग बनाए जाते हैं। रोशनी के रंगों का यह जादू विज्ञान की बेहतरीन उपलब्धियों में से एक है!


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